श्री चिड़ार समाज की बैठक में मनमानी-अनियमितताओं की निंदा ।
समाज के वरिष्ठों, पूर्व अध्यक्षों की अगुवाई में हुई बैठक में श्री चिड़ार समाज सांस्कृतिक एवं कल्याण समिति को प्रभावशील करने के निर्देश-अब समाज के आयोजन इसी बैनर तले होंगे ।
श्री चिड़ार समाज उज्जैन की वृहद बैठक का आयोजन समाज के वरिष्ठों, पूर्व अध्यक्षों की अगुवाई में हुआ जिसमें उज्जैनी श्री चिड़ार समाज विकास समिति के संस्थापक द्वारा की गई अनियमितताओं, मनमानी और बार-बार बातचीत के बाद भी समाजजन की भावनाओं के विरूध्द कार्य करने पर समाजजनों ने एकमत होकर समिति के विरूध्द निंदा प्रस्ताव पारित किया तथा इस समिति को शून्य मानते हुए समाज के विकास कार्य हेतु श्री चिड़ार समाज सांस्कृतिक एवं कल्याण समिति को प्रभावशील करने हेतु निर्देशित किया।
पूर्व में समस्त समाज उज्जैनी श्री चिड़ार समाज विकास समिति के बैनर तले एकजुट था लेकिन उक्त समिति के संस्थापक अध्यक्ष द्वारा मनमाने तरीके से कभी अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष तो कभी समिति के कार्यकारिणी सदस्य बदलकर समिति को अपने तरीके से छिन्न भिन्न कर दिया गया। इसे देखते हुए समाज के पूर्व अध्यक्षों एवं वरिष्ठों के निर्देश पर संपूर्ण समाज की बैठक का आयोजन 22 सितंबर 2019 को निजातपुरा स्थित राय समाज की धर्मशाला में रखा गया जिसमें समस्त समाजजनों को आमंत्रित किया गया। बैठक को समाज के वरिष्ठ एवं पूर्व अध्यक्ष भागचंद कुमेरिया, हरिनारायण हनुमन्तैया, पुरूषोत्तम मगरे ने संबोधित करते हुए कहा कि वनखंडी हनुमान मंदिर पर हुए होली मिलन समारोह में संपूर्ण समाज के समक्ष 7 अप्रैल 2019 को सुनील मगरिया को अध्यक्ष चुना गया था, इस निर्णय में संपूर्ण समाज एक है। यदि उज्जैनी श्री चिड़ार समाज विकास समिति के संस्थापक अध्यक्ष अपनी मनमानी कर रहे हैं तो इस समिति को समाज अमान्य करता है। साथ ही समाज द्वारा निर्मित की गई श्री चिड़ार समाज सांस्कृतिक एवं कल्याण समिति को प्रभाव में लाया जाए तथा समाज के समस्त आयोजन इसी समिति के बैनर तले हों। इस समिति के संचालन का दायित्व समाज द्वारा सुनील मगरिया को सौंपा गया। साथ ही सुनील मगरिया समाज के अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे। वहीं बैंक में जमा राशि संपूर्ण समाजजनों की है समाजजनों ने ध्वनि मत से निर्देशित किया कि यदि संस्थापक अध्यक्ष या उनके द्वारा बनाई समिति का कोई भी पदाधिकारी इस राशि से छेड़छाड़ करता है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए। बैठक में समाज संरक्षक रामेश्वर गोईया, भगवानदास ब्रामनिया, रमेशसिंह आठिया, कल्याणसिंह आठिया, बैठक संयोजक धर्मेन्द्र गोईया, मोहन चंदेल, रामस्वरूप, सतीश गेहलोत, मनीष गेहलोत, प्रेमनारायण आठिया, राकेश पटवा, सचिन मगरे, सन्नी गोईया, कमलेश धंधेरे, प्रेमनारायण हनुमन्तैया, योगेश चंदेल, हेमंत गेहलोत, विनय चंदेल, पंकज चंदेल, रामदयाल चंदेल, आशाराम, मूलचंद सोनी, संदीप हनुमन्तैया, निहालसिंह, दिलीपसिंह गेहलोत, प्रेमनारायण बरहा, महेशचंद्र आठिया, शिवनारायण धंधेरे, शैलेन्द्र आठिया, द्वारकाप्रसाद हनुमन्तैया, बीसी कुमेरिया, गणपत कुमेरिया, प्रहलाद मगरे, सोनू आठिया, हरीश आठिया, हरप्रसाद चंदेल, शंकरलाल हरदास, सुजानसिंह कुशा, पप्पू आठिया, राजू मगरे, गजराजसिंह, संजय आठिया, विजय हनुमन्तैया आदि मौजूद रहे।
महाकाल की नगरी में चिड़ार समाज की निर्णायक सभा